“काश हमने उसकी दिल की बात जानने की कोशिश की होती तो ऐसा न होता” Heart Touching Emotional Story
ये कहानी है सुनैना की जो अपनी बेटी नेहा के साथ रहती है। सुनैना के दो बच्चे होते हैं नेहा और करन। करन मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही मानसिक तनाव के चलते Suicide कर लेता है। एक दिन सुनैना कुछ सामान लेने के लिए मार्केट गई होती है। तभी एक लड़का उनके घर आता है।
नेहा उससे पूछती है कि आप कौन? लड़का उसे बताता है कि मैं करन का दोस्त हर्ष हूं। मैं सुनैना आंटी से मिलने आया हूं। नेहा उसे अंदर बिठाती है और उसके लिए चाय नाश्ता बनाकर लाती है।इतने में सुनैना घर आ जाती है। हर्ष उससे कहता है “हेलो मैम” तो सुनैना कहती है, करन के दोस्त हो तो आंटी बोलो ये क्या मैम बोल रहे हो और दोनों ही इस बात पर हसने लग जाते हैं। फिर दोनों बैठकर बातें करने लगते हैं।
हर्ष कहता है सौरी आण्टी मैं बिना बताए ही आ गया। सुनैना कहती है, कोई नहीं। अब तो करन के सारे दोस्त मेरे बच्चों के तरह ही हैं| सुनैना उसके लिए गरमगरम आलू के पराठे बनाकर खिलाती है। सुनैना कहती है कि आलू के पराठे करन को भी बहुत पसंद थे। सुनैना हर्ष से उसके माता पिता के बारे में पूछती है कि वो कहां रहते हैं और क्या करते हैं तो हर्ष उसे बताता है कि वो मुंबई रहते हैं। उनका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है वहां। सुनैना उससे पूछती हैं कि कोई भाई बहन भी है तुम्हारे। तो हर्ष कहता है कि हां, मेरी एक छोटी बहन थी, लेकिन अब वो नहीं रही।
उसने भी करण की ही तरह सुसाइड कर लिया था। वो बस 18 साल के थे। ये सुनकर सुनैना व नेहा की आँखे नम हो जाती हैं। हर्ष उन्हें एक डायरी दिखाता है और कहता है कि इतनी सारी बातें थी उसके दिमाग में, इतना सब कुछ चल रहा था उसके मन में जो वो किसी से नहीं कह पा रहे थी, सब कुछ इसमें चुपचाप लिखकर लिया करती थी। हमें कोई आइडिया भी नहीं था कि वो इतने मानसिक तनाव से गुजर रही है। हम उसे इतना प्यार करते थे लेकिन फिर भी वो हमसे कुछ भी खुलकर नहीं कह पाई।
हर्ष सुनैना से पूछता है कि क्या करन अपने सारे प्रॉब्लम्स उससे खुलकर शेयर करता था। इस पर नेहा कहती है कि करन सिर्फ डिप्रेशन का शिकार ही नहीं था। उसके कॉलेज के लड़के अमन ने उसकी इतनी Ragging की कि उसका जीना ही मुश्किल हो गया था। तब हर्ष उन्हें बताता है कि वो करन का दोस्त नहीं है। वो डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाता है। कुछ महीने पहले वो एक डॉक्यूमेंट्री शूट करने एक पुलिस स्टेशन गया था। वहां उसे अमन मिला जो करन के सुसाईड के वजह से जेल में अपनी सजा काट रहा है। अमन को अपनी गलती का बहुत पछतावा है। उसने कल रात सुसाइड करने की भी कोशिश की। उसकी हालत बहुत सीरियस है और यह बताकर वह हर्ष चला जाता है।
सुनैना को यह जानकर बहुत दुख होता है और वह अगले ही दिन हॉस्पिटल जाकर उससे मिलती है और कहती है कि तुमने जो किया उसके सजा तो तुम्हें मिलेगी। पर ये सुसाइड करना इसका कोई सॉल्यूशन नहीं है। मैं नहीं चाहूंगी कि जो दुख मैंने झेला वो किसी और मां को भी झेलना पड़े। तुम जेल में ही अपनी सजा काटो और सुसाइड का ख्याल कभी अपने दिमाग में मत लाना और ऐसा कहकर वो चली जाती हो। दोस्तों डिप्रेशन एक बहुत बड़ी बीमारी है जो दिखती नही है पर घाव बहुत बड़ा देती है।